भारत में बहुत महत्वपूर्ण और प्रशंशिय खेलों का आयोजन हो रहा है (दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स 2010). भारत की छवि को हमें और बेहतरीन तरह से दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के इस अवसर को उपयोग करना चाहिए.
सन्देश:
प्रत्येक नागरिक को सभी की सहायता करनी होगी और रक्षक पुलिस कर्मियों को बेकार की उलझनों में न फंसाकर अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए उनकी सहायता करनी होगी जिससे वे अपने कार्य को सावधानी से कर सके.
भारतीय नागरिकों का यह फर्ज है कि अपने देश में होने वाली अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में सरकार के द्वारा जारी किये गए निर्देशों का पालन करें.
महत्वपूर्ण कार्य, असाधारण गतिविधियों की सूचना सुरक्षा एजेंसियों तक पहुँचाना, जिससे सुरक्षा बनी रहे.
व्यवहार नरम रखना है जिससे विदेशी नागरिकों के सामने प्रत्येक भारतीय की एक बेहतरीन छवि बने.
यातायात के नियमों का पालन सर्वोपरि होना चाहिए, जिससे रास्तों में अवरोध उत्पन्न ना हो.
दिल्ली नगर निगम और एन.डी.एम.सी.विभाग के कर्मचारियों को अपने कार्यों में निपुणता का प्रदर्शन करना होगा (जगह - जगह पर पानी न भरा हो, सफाई और इत्यादि).
कर्मचारियों के साथ साथ नागरिको को भी देश की छवि के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए तत्पर रहना चाहिए.
24 comments:
हरीश जी,
जगत रस का ब्लॉग जगत में स्वागत है
आपका यह प्रयास अति उत्तम है कि भारत की छवि को हमें बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए..
आपका यह प्रयास अति उत्तम है
बहुत सही कहा है आपने साथ मिलकर यह प्रयास रंग लायेगा ..
उत्तम प्रयास
बहुत अच्छा प्रयास आप का नए ब्लॉग के साथ स्वागत है !
कर्मचारियों के साथ साथ नागरिको को भी देश की छवि के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए तत्पर रहना चाहिए...
उच्च विचार !
क्या बात है सर बहुत बढ़िया !
सबसे छोटा और महत्वपूर्ण काम कि दिल्ली को स्वच्छ रख्खे और धुम्रपान करने वालों से निवेदन है कि वाऊ को प्रदूषित न करें और कूड़ा जगह - जगह ना फैकें .
इसी तरह के प्रयासों से जनता जगती है
स्वागत है !
ममता जी ने बिलकुल सही कहा है
सर्वोतम!
अच्छी सोच आप का स्वागतम
आभार...
वाह हरीश जी, बहुत काम की बातें लिखी हैं आपने, आज यह आवश्यकता है कि समाज को भारत के छवि के प्रति शिक्षित किया जाए.
एक अछे लेख के साथ आपके इस नए ब्लॉग का बहुत-बहुत स्वागत है.
mujhe nahin lagta ki in khelon se desh ya naagrikon ko koi faayda hoga.. NDTV par Mani Shankar ji aur Dunu Roy ji ki baat suniye.. pata chalega kitna ghotala hai..
is sab se jitna karza chadha hai wo agle 30-40 saal me to nahin chuk paayega.. aur ye neta nahin hamen hi utarna hoga.
दीपक जी मैं आपकी भावनाओं को समझ गया हूँ आप सही कह रहे है लेकिन नेता और नागरिक में अगर नेता अपना कर्तव्य सही से नहीं कर रहे तो नागरिकों को आगे बढकर अपने कर्तव्यों को समझना चाहिए.
इसी पर मेरा एक ब्लॉग आप देख सकते हैं
http://pareesthiti.blogspot.com/2010/07/blog-post_26.html
"कर्मचारियों के साथ साथ नागरिको को भी देश की छवि के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए तत्पर रहना चाहिए"
सच्ची और सही सोच - जो होगा वो तो होगा ही लेकिन एक सच्चे नागरिक का सच्चा कर्त्तव्य यही होगा
कॉमन वेल्थ गेम्स देश, अर्थव्यवस्था और आम आदमी के लिए अच्छे हैं या नहीं इस बात का अभी कोई मतलब नहीं है. यह विचार तब होना चाहिए था जब इन खेलों के लिए आवेदन किया जा रहा था. अब जब यह खेल होने में कुछ ही महीने रह गए हैं तो बात अपने देश की साख की है और सबका कर्त्तव्य है कि सरकार और कमेटी का समर्थन करें.
bahut saf drashtikon se abhivyakt hote hain aap.mere blog -kehna padta hai par aaiye kabhee.
बिलकुल सही कहा है.
ब्लॉगजगत में स्वागत है.
आपने जो विचार सुझाये हैं वो काफी अच्छे हैं लेकिन जमीनी हकीकत यह है की इस गेम के नाम पर भ्रष्टाचार के गेम ने पूरी दिल्ली को बरबाद करने का काम किया है और उस बरबादी से निकला दुर्गन्ध तो दिल्ली में रहने वालों से लेकर आने वाले को महसूस हो रहा है और होता रहेगा | पूरी मानवीय व्यवस्था इस गेम के नाम पर सडा दिया है इन बेशर्म और भ्रष्ट नेताओं ने |
आपके विचार काबिले तारीफ हैं।
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सावन आया, तरह-तरह के साँप ही नहीं पाँच फन वाला नाग भी लाया।
Great Dude Great
वाह बहुत सही.
बेहतरीन, अगले भाग के लिए प्रतीक्षारत हूँ.
इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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